एएमयू के विभिन्न विभागों एवं संस्थानों में शिक्षक दिवस धूमधाम से मनाया गया
मुशीर अहमद खां –
अलीगढ़, 6 सितंबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों और संस्थानों में शिक्षक दिवस उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया।नर्सिंग कॉलेज ने मल्टीपर्पज हॉल में कार्यक्रम आयोजित किया, जहां डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को श्रद्धांजलि दी गई। उनकी जयंती पर शिक्षक दिवस मनाया जाता है।प्रिंसिपल प्रोफेसर डॉ. फरहा आजमी ने शिक्षकों द्वारा प्रदान की गई सेवाओं की सराहना की जो विद्यार्थियों के भविष्य को आकार देते हैं और उन्हें जीवन में सफल बनाते हैं। उन्होंने डॉ. राधाकृष्णन के जीवन और सेवाओं के बारे में भी बात की।नंदिनी सिंह ने भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. राधाकृष्णन के महान योगदान पर प्रकाश डालते हुए भाषण दिया, जबकि सैफ अली सिद्दीकी ने जीवन में शिक्षकों के महत्व के बारे में बताया।सह-पाठ्यचर्या समिति प्रमुख के रूप में श्रीमती शिवानी मसीह ने छात्रों को उनके समग्र विकास के लिए प्रेरित किया।मो. रेहान और जाहिदा परवीन ने कार्यक्रम की मेजबानी की, जबकि धवानी गोयल ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया।एएमयू एबीके गर्ल्स हाई स्कूल में शिक्षक दिवस समारोह का आयोजन धूमधाम से किया गया। विद्यार्थियों ने स्टाफ सदस्यों को सुंदर हस्तनिर्मित कार्ड भेंट किए, जिनकी बहुत सराहना की गई।समारोह के लिए स्कूल असेंबली ग्राउंड को फूलों और झालरों से खूबसूरती से सजाया गया था और सभी छात्र वर्दी में कार्यक्रम में शामिल हुए। कार्यक्रम के लिए विद्यार्थियों द्वारा क्लास रूम को भी सजाया गया था।कार्यक्रम की शुरुआत उप प्राचार्य एवं शिक्षकों द्वारा फीता काटकर की गई। प्राथमिक अनुभाग के छात्रों ने नाटक और नृत्य प्रस्तुत किया।उप प्राचार्य डॉ. सबा हसन ने स्टाफ सदस्यों को बधाई दी और छात्रों के प्रदर्शन की सराहना की।एएमयू सिटी गर्ल्स हाई स्कूल में, कार्यक्रम की शुरुआत एक्स ए और एक्स बी की छात्राओं द्वारा आयोजित एक विशेष असेंबली से हुई। स्कूल की एक छात्रा महविश डॉ. एस. राधाकृष्णन की वेशभूषा में आईं।असेंबली के बाद, पहले चार पीरियड छात्र शिक्षकों द्वारा पढ़ाए गए। विद्यालय के शिक्षकों ने उनके शिक्षण कौशल को अनुशासन, विषयवस्तु, आत्मविश्वास एवं ब्लैकबोर्ड सारांश के बिन्दुओं पर परखा। कक्षाओं की सजावट को भी स्वच्छता, शालीनता और अनुशासन के आधार पर आंका गया।विद्यालय के शिक्षकों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया. सुश्री सहर नकवी ने स्वरचित कविता सुनाई, जबकि सुश्री अंबरीन रहमान ने मधुर गजल गाई। श्री तारिक हफीज और सुश्री नाजिया खान ने भाषण दिये। सुश्री तनवीर जहाँ ने एक दोहा पढ़ा और उसका अर्थ समझाया, जबकि सुश्री अस्मिता चैधरी और सुश्री उरूजा खान ने कहानियाँ सुनाईं।सुश्री समर जाहिद ने डॉ. एस. राधाकृष्णन के जीवन का वर्णन किया। श्री जिया-उल-हक ने वर्तमान परिदृश्य में एक शिक्षक की भूमिका पर जोर दिया। सुश्री नाजिश सिद्दीकी ने शिक्षक दिवस पर एक नज़्म पढ़ी। श्री अहमद उमर ने इस्लाम की रोशनी में शिक्षकों की भूमिका के बारे में बताया। सुश्री कायनात फारूक ने शिक्षकों की भूमिका पर एक हदीस का हवाला दिया। सुश्री दरक्षा नैय्यर ने स्वरचित कविता प्रस्तुत की। सुश्री सबीहा खान का संक्षिप्त नोट सराहनीय था।सुश्री तनवीर सुल्ताना एवं सुश्री पाकीजा खान ने भी अपने विचार व्यक्त किये। श्री इस्माइल बेग की पहेलियों ने सभी को खूब हंसाया। सुश्री जरीननाज की दिलकश गजल दर्शकों के दिलों में गहराई तक उतर गई। स्कूल के उप-प्रिंसिपल श्री जावेद अख्तर ने स्कूल तक की अपनी यात्रा साझा की। उन्होंने कहा कि एक शिक्षक को तकनीकी प्रगति के बारे में पता होना चाहिए क्योंकि इसके असंख्य लाभ हैं। कार्यक्रम का संचालन सुश्री साइमा नदीम एवं सुश्री सना शमशाद ने किया।प्रधानाचार्य डॉ. एम.डी. आलमगीर ने समस्त शिक्षण स्टाफ को स्मृति चिन्ह वितरित किये। उन्होंने शिक्षकों को ज्ञान से सुसज्जित रहने और छात्रों के प्रति अपना प्यार और स्नेह दिखाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को एक आदर्श होना चाहिए, क्योंकि वे राष्ट्र निर्माता हैं।