श्योर कार्यशाला का समापन

अलीगढ़ एक्सप्रेस-

अलीगढ़, 1 फरवरीः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के वाणिज्य विभाग द्वारा, बाउर कॉलेज ऑफ बिजनेस, ह्यूस्टन विश्वविद्यालय (यूएसए) के सहयोग से आयोजित और सिडबी द्वारा प्रायोजित, उद्यमिता (श्योर) कार्यक्रम के तहत बारह-सप्ताह की उद्यमिता कार्यशाला पालीटेक्निक सभागार में संपन्न हो गई। समापन सत्र को संबोधित करते हुए, मुख्य अतिथि, राजदूत रीवा गांगुली दास (आईएफएस) ने श्योर कार्यक्रम को एक अनूठी पहल बताया, जो छात्रों को सीखने और अपने व्यवसायों का विस्तार करने के लिए रणनीतियों को लागू करने में सशक्त बनाता है। उन्होंने सरकार से प्राप्त सहयोग के बारे में बताया और सार्वजनिक-निजी भागीदारी की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने छात्रों और नवागत व्यवसायियों को नई और नवीन व्यावसायिक तकनीकों से परिचित होने का अवसर प्रदान करने के एएमयू के प्रयासों की सराहना की। मानद् अतिथि, मोहम्मद इमरान हसन, शाखा प्रबंधक, सिडबी, मुरादाबाद ने कहा कि उद्यमिता हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। उन्होंने एक व्यावसायिक फर्म के सुचारू कामकाज को सुविधाजनक बनाने में वित्त की भूमिका पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने प्रतिभागियों से बाजार में प्रवेश करने और पूरे आत्मविश्वास के साथ अपने उत्पाद के साथ आगे बढ़ने का आग्रह किया। उन्होंने उन्हें वित्त सहायता के लिए सिडबी की टीम से पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। मानद् अतिथि, ह्यूस्टन, यूएसए के वरिष्ठ वित्तीय सलाहकार, श्री लताफत हुसैन ने आॅनलाइन श्योर कार्यक्रम के सफलतापूर्वक संचालन और प्रतिभागियों में उद्यमशीलता की भावना विकसित करने के लिए बधाई दी। उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम अमेरिका में कैसे शुरू हुआ और यह भारत में कैसे बड़ी सफलता साबित हुआ। उन्होंने हैंडहोल्डिंग, कनेक्टिविटी और अनुभव की सुविधा प्रदान करके समाज के वंचित वर्ग को योजनाओं की सफल पूर्ति और समर्थन पर संतोष व्यक्त किया। वाणिज्य संकाय के डीन प्रो. नासिर जमीर कुरैशी ने कार्यक्रम की मुख्य विशेषताओं पर प्रकाश डाला और कहा कि कार्यशाला ने न केवल लेखांकन, कराधान, कानून, विपणन, वित्तीय साक्षरता, बैंकिंग आदि के मामले में मदद की है। बल्कि जिला उद्योग केंद्र (डीआईसी), बैंकर्स, फंडर्स, खरीदारों, आपूर्तिकर्ताओं आदि के साथ भी समन्वय का रास्ता प्रशस्त किया है। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में श्योर प्रोग्राम के अध्यक्ष और एएमयू के वित्त अधिकारी प्रो. मो. मोहसिन खान ने प्रतिभागियों पर इसके सकारात्मक प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए भारतीय सांस्कृतिक लोकाचार के संदर्भ में इस पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम प्रतिभागियों की सहायता करने और भारत में उद्यमशीलता संस्कृति को बढ़ावा देने में सहायक रहा है। इससे पूर्व, वाणिज्य विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर इमामुल हक ने अतिथियों और प्रतिभागियों का स्वागत किया और कार्यक्रम के उद्देश्यों पर चर्चा की। कार्यशला की संयोजिका और निदेशक प्रोफेसर आसिया चैधरी ने एएमयू में श्योर कार्यक्रम की यात्रा पर प्रकाश डाला और उल्लेख किया कि मई 2022 से आयोजित तीन कार्यशालाओं के दौरान कुल 175 प्रतिभागियों को इससे लाभ हुआ है। उन्होंने श्योर कार्यक्रम के आगे के विकास के लिए ह्यूस्टन विश्वविद्यालय (यूएसए) की प्रोफेसर सालेहा खुम्मावाला के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। उन्होंने अन्य अतिथियों के साथ, प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए और उभरते उद्यमियों को उनके सहयोग और सहायता के लिए तीन सलाहकारों – मोहम्मद अब्दुल्ला खान, फरमान खान और मरियम शफीक को सम्मानित किया। डॉ. मोहम्मद साइम खान ने धन्यवाद ज्ञापित किया और कार्यक्रम का संचालन किया।

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