जी20 शिखर सम्मेलन पर एएमयू में सेमिनार आयोजित
अलीगढ, 2 सितम्बरः अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के सर सैयद अकादमी द्वारा ‘भारत का जी20 शिखर सम्मेलन 2023ः अवसर और चुनौतियाँ’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में वैश्विक अर्थव्यवस्था और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की उभरती भूमिका पर देश में डिजिटल 2 क्रांति के प्रभाव और लाभ, आर्थिक समावेशन और जलवायु और स्थिरता चुनौतियों से निपटने और महिला सशक्तिकरण में भारतीय नेतृत्व की सक्रिय भूमिका पर अपने विचार व्यक्त करते हुए विशेषज्ञों ने कहा कि जी-20 सम्मेलन की अध्यक्षता देश के लिए गौरव का क्षण है।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के सचिव श्री सौरभ गर्ग (आईएएस) ने डिजिटल क्रांति को देश में जन समावेशन का हथियार बताया और कहा कि भारत की अध्यक्षता में जी20 शिखर सम्मेलन ऐसे मौके पर हो रहा है जब देश दुनिया की चैथी अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि इसका लाभ बड़े पैमाने पर जनता तक पहुंच रहा है।श्री गर्ग ने कहा कि देश में बढ़ते डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे ने लोगों को सशक्त बनाया है। आधार को घर बैठे प्रमाणित किया जा सकता है, पिछले महीने यूपीआई के जरिए 10 मिलियन वित्तीय लेनदेन किए गए, ढाई लाख ग्राम पंचायतों को ऑप्टिक फाइबर सेवाएं प्रदान की गई हैं। भारत में 72 प्रतिशत महिलाओं और 80 प्रतिशत लोगों के पास मोबाइल फोन हैं। लगभग 6 लाख गांवों में पीओएस मशीनों के माध्यम से बैंकिंग सेवाएं लोगों तक पहुंच रही हैं। जन धन योजना के तहत 50 करोड़ बैंक खाते खोले गए हैं।श्री गर्ग ने मुद्रा योजना, आवाज आधारित अनुवाद सुविधा ‘भाषिणी’, ऑनलाइन शॉपिंग के लिए जेम पोर्टल, डिजीलॉकर आदि का उल्लेख करते हुए भारत के डिजिटलीकरण के लाभ और प्रभाव के बारे में विस्तार से बताया और इसे देश की ताकत बताया जिसका लोग लाभ ले रहे हैं।उन्होंने स्वच्छ भारत योजना, उड़ान स्कीम आदि का भी उल्लेख किया और कहा कि भारत जी20 फोरम के माध्यम से ‘एक ग्रह, एक परिवार, एक भविष्य’ की थीम पर जोर देकर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मामलों में सकारात्मक भूमिका निभा रहा है।मानद् अतिथि रिलायंस इंडस्ट्रीज के ग्रुप कम्युनिकेशंस के प्रमुख श्री रोहित बंसल ने कहा कि जलवायु परिवर्तन, पर्यावरणीय स्थिरता और गरीबी में कमी जी20 सम्मेलन के महत्वपूर्ण एजेंडे हैं, जिसमें देश के आम युवा और किसान भी शामिल हैं। उन्हें स्थायी जीवनशैली और आदतें अपनानी चाहिए जो समाज और पर्यावरण दोनों को बेहतर बनाती हैं।उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए एएमयू के कुलपति प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज ने कहा कि भारत वास्तव में विकास का एक नया इतिहास रच रहा है और ग्लोबल साउथ को प्रभावी नेतृत्व प्रदान कर रहा है, जो हमारे युवाओं के लिए अवसर और चुनौतियां दोनों पैदा करता है।उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मामलों में भारत की स्थिति मजबूत हो रही है। ब्रिक्स, आसियान, क्वाड, साउथ अफ्रीकन ग्रिड, जी20 फोरम आदि भारत के बढ़ते प्रभाव के संकेतक हैं। निकट भविष्य में भारत दुनिया का सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। देश के इस विकास का लाभ उठाने के लिए इस बात पर ध्यान देने की जरूरत है कि हमारे पुरुष और महिलाएं पीछे न रह जाएं।प्रोफेसर गुलरेज ने क्वांटम कंप्यूटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और कार्बन उत्सर्जन जैसे मुद्दों पर अधिक काम करने पर जोर दिया और कहा कि जी20 शिखर सम्मेलन ने देश में उत्साह का माहौल बनाया है और एएमयू ने भी जी20 के विभिन्न पहलुओं पर काम किया है।एएमयू रजिस्ट्रार श्री मुहम्मद इमरान (आईपीएस) ने जी20 फोरम और शिखर सम्मेलन के विषयों और उनके महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने अतिथि वक्ताओं का परिचय भी कराया।सर सैयद अकादमी के निदेशक प्रोफेसर अली मोहम्मद नकवी ने कहा कि जी20 दुनिया का सबसे बड़ा मंच है क्योंकि यह दुनिया की एक बड़ी आबादी और सबसे बड़े वर्ग का प्रतिनिधित्व करता है। उन्होंने कहा कि यह दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन शोधकर्ताओं को जी20 के विषयों और भारत की उभरती भूमिका का विश्लेषण करने का अवसर प्रदान कर रहा है, जिससे युवा विद्वानों को लाभ होगा। उन्होंने सर सैयद अकादमी के प्रकाशनों का भी उल्लेख किया।इस अवसर पर जी20 विषयों पर सर सैयद अकादमी द्वारा प्रकाशित पांच पुस्तकें और सर सैयद के अंतरराष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य पर आधारित ‘मकालाते सर सैयद’ के नौवें खंड का भी विमोचन किया गया।अंत में सर सैयद अकादमी के उप निदेशक डॉ. मुहम्मद शाहिद ने धन्यवाद ज्ञापित किया। डॉ. सैयद हुसैन हैदर ने कार्यक्रम का संचालन किया।उद्घाटन सत्र के बाद सेमिनार के पहले शैक्षणिक सत्र में प्रोफेसर एआर किदवई, प्रोफेसर सऊद आलम कासमी, प्रोफेसर उबैदुल्लाह फहद, प्रोफेसर मोहिबुल हक आदि ने सर सैयद के अंतर्राष्ट्रीय दृष्टिकोण पर अपने विचार व्यक्त किए।