भारत को विश्वगुरु बनाना है तो युवा आलस्य त्याग कर करें कर्म
इगलास। मंगलायतन विश्वविद्यालय एवं तीर्थधाम मंगलायतन के संयुक्त तत्वावधान में परिसर स्थित महावीर स्वामी जिन मंदिर का वार्षिकोत्सव एवं गोष्ठी का आयोजन धूमधाम से किया गया। मंदिर पर संगीतमय प्रस्तुति के साथ शांति विधान हुआ। तीर्थधाम मंगलायतन के डायरेक्टर पं. सुधीर शास्त्री के निर्देशन में कीर्ति स्तंभ पर पूजन विधान संपन्न हुआ। तीर्थधाम मंगलायतन के ट्रस्टी व मुख्य अतिथि अनिल जैन का स्वागत प्रशासनिक अधिकारी गोपाल राजपूत ने किया।
अपराह्न सत्र में सभागार में आयोजित गोष्ठी में जैन दर्शन की मानव जीवन में उपयोगिता विषय पर वक्ताओं ने अपने विचार रखे। विशिष्ट अतिथि व मुख्य वक्ता पं. अशोक लुहाडिया ने कहा की अहिंसा ही परम धर्म है, यदि हम महावीर स्वामी का संदेश जियो और जीने दो को अपने जीवन का मूल मंत्र बना ले तो हमारे जीवन में क्रोध शांत होने से शत्रुओं का स्वतः ही अभाव हो जाएगा। पं. सुधीर शास्त्री ने कहा कि परस्पर सदभाव एवं भाईचारे से खुशियां एवं समृद्धि बढ़ेगी। युवा पंडित समकित जैन ने बताया की यदि युवा आलस्य का त्याग कर अपने कर्म क्षेत्र में निष्ठा पूर्वक लग जाए तो भारत को विश्व गुरु बनने में देर नहीं लगेगी। प्रो. जयंती लाल जैन ने सभी प्राणियों के हितार्थ मोक्ष मार्ग की चर्चा की। निखिल, आयशा, संयम, चेतना, प्रियांशी, दिव्यांशी, अंशिका, कांसू, निया आदि ने प्रस्तुतियां दी। जिसमें चेतना व निखिल विजयी रहे। वहीं मेस संचालक प्रबंधक ललित चौधरी एवं वार्डन कैप्टन लक्ष्मण सिंह व अंजू को भी सम्मानित किया गया। मंच संचालन प्रो. सिद्धार्थ जैन ने किया। डीन रिसर्च प्रो. रविकांत ने आभार प्रकट किया। आयोजन में छात्र हेमंत, रोहित, शशांक, दया शंकर, शिवम, आर्यन का सहयोग रहा।