FPI ने डेट बाजारों में 17,120 करोड़ रुपये का किया निवेश

नई दिल्ली।

 अमेरिका में बॉन्ड यील्ड में वृद्धि के चलते विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआइ) की घरेलू इक्विटी बाजारों से लगातार निकासी जारी है। डिपाजिटरी के डाटा के अनुसार, 25 जनवरी तक एफपीआइ इक्विटी बाजारों से 24,734 करोड़ रुपये की निकासी कर चुके हैं

इसके विपरीत, इस अवधि में एफपीआइ ने डेट बाजारों में 17,120 करोड़ रुपये का निवेश किया है। एफपीआइ ने इससे पहले दिसंबर में 66,134 करोड़ और नवंबर में नौ हजार करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार का कहना है कि अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में वृद्धि  चिंता का विषय है। इससे नकदी बाजार में बिकवाली का हालिया दौर शुरू हो गया है।

फेडरल रिजर्व 2024 की दूसरी छमाही में ही ब्याज दरों में करेगा कटौती

विजयकुमार के अनुसार, वैश्विक शेयर बाजारों में तेजी अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के कदमों के चलते हुई थी जिससे 10 वर्षीय अमेरिकी बॉन्ड पर यील्ड पांच प्रतिशत से घटकर 3.8 प्रतिशत पर आ गई थी। हालांकि, अब यह फिर बढ़कर 4.18 प्रतिशत हो गई है। इससे संकेत मिलता है कि फेडरल रिजर्व 2024 की दूसरी छमाही में ही ब्याज दरों में कटौती करेगा।

मार्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर हिमांशु श्रीवास्तव का कहना है कि एफपीआइ ने सतर्कता के साथ नए वर्ष की शुरुआत की है। इसी सोच के साथ उन्होंने भारतीय इक्विटी बाजारों में मुनाफावसूली शुरू की है। पूरे 2023 के दौरान एफपीआइ ने घरेलू इक्विटी बाजारों में 1.71 लाख करोड़ रुपये और डेट बाजारों में 68,663 करोड़ रुपये का निवेश किया है।

सात कंपनियों का पूंजीकरण 1.16 लाख करोड़ घटा

बीते सप्ताह घरेलू बाजारों में रही गिरावट के चलते शीर्ष-10 में से सात कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में 1.16 लाख करोड़ रुपये की कमी दर्ज की गई है। इस दौरान एचडीएफसी बैंक के पूंजीकरण में सबसे ज्यादा 32,661.45 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है। इसी तरह, एलआइसी के पूंजीकरण में 20,682.74 करोड़, टीसीएस में 19,173.43 करोड़, एसबीआइ में 16,599.77 करोड़, आइटीसी में 15,908.1 करोड़, एचयूएल में 9,210.4 करोड़ और रिलायंस के पूंजीकरण में 1,928.22 करोड़ रुपये की गिरावट रही है। दूसरी ओर, भारती एयरटेल, इन्फोसिस और आइसीआइसीआइ बैंक के पूंजीकरण में क्रमश: 20,717.87 करोड़, 9,151.75 करोड़ और 1,137.37 करोड़ रुपये की वृद्धि रही है। बाजार पूंजीकरण के लिहाज से रिलायंस अभी भी शीर्ष पर बनी हुई है।

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