रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्टालिन सरकार पर साधा निशाना

नई दिल्ली।

देशभर के मंदिरों में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह की लाइव प्रसारण की जाएगी। भाजपा शासित राज्यों ने इस दिन को यादगार बनाने के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। वहीं, ज्यादातर विपक्षी दलों ने इस समारोह से दूरी बना ली है।

इसी बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्टालिन सरकार पर एक बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने सोशल मीडिया हैंडल एक्स के जरिए यह दावा किया है कि तमिलनाडु सरकार राज्य में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के लाइव प्रसारण को रोकने की कोशिश कर रही है।

प्राण-प्रतिष्ठा के लाइव प्रसारण को रोका जा रहा: निर्मला सीतारमण

वित्त मंत्री ने एक्स पर लिखा,”तमिलनाडु सरकार ने 22 जनवरी के रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के कार्यक्रमों के लाइव प्रसारण को देखने पर प्रतिबंध लगा दिया है। तमिलनाडु में श्री राम के 200 से अधिक मंदिर हैं।

(HR&CE) द्वारा प्रबंधित मंदिरों में श्री राम के नाम पर किसी भी पूजा/भजन/प्रसादम/अन्नदानम की अनुमति नहीं है। पुलिस निजी तौर पर संचालित मंदिरों को भी कार्यक्रम आयोजित करने से रोक रही है। वे आयोजकों को धमकी दे रहे हैं कि वे पंडाल तोड़ देंगे। इस हिंदू विरोधी, घृणित कार्रवाई की कड़ी निंदा करती हूं

राज्य में राम भक्तों को धमकाया जा रहा: केंद्रीय मंत्री

तमिलनाडु से कई दिल-दहलाने वाले दृश्य सामने आ रही है। भजन आयोजित करने, गरीबों को खाना खिलाने, मिठाइयां खिलाने के लिए धमकाया जाता है। केबल टीवी ऑपरेटरों को बताया गया है कि लाइव टेलीकास्ट के दौरान बिजली बंद होने की संभावना है। यह आईएनडीआईए गठबंधन और उसके सहयोगी डीएमके का हिंदू विरोधी प्रयास है।

 ‘कानून व्यवस्था के बिगड़ने का दावा कर रही डीएमके’

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा,”तमिलनाडु सरकार अनौपचारिक लाइव टेलीकास्ट प्रतिबंध को उचित ठहराने के लिए कानून व्यवस्था के बिगड़ने का दावा कर रही है। यह एक झूठी और फर्जी कहानी है! अयोध्या के फैसले के दिन (सुप्रीम कोर्ट के फैसले) कानून-व्यवस्था की कोई समस्या नहीं थी।

उन्होंने आगे कहा,”देश-भर यह समस्या वह दिन भी नहीं थी जब माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने राम मंदिर का शिलान्यास किया था। तमिलनाडु में प्रभु श्रीराम के प्राण प्रतिष्ठा उत्सव मनाने के लिए लोगों में उमड़े स्वैच्छिक भागीदारी और भावना ने हिंदू विरोधी डीएमके सरकार को बेहद परेशान कर दिया है

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