मेरी बेजान मिट्टी को तिरंगे से उढा देना।अब्दुल रज़्ज़ाक़।

आलिगढ़ -आदाव-ए हिन्द एजुकेशनल सोसाइटी अलीगढ़ की जानिब से शिक्षक दिवस के मौके पर एक मुशायरा व कवि सम्मेलन का आयोजन अलीगढ़ नीवरी मोड पर हुआ। अध्यक्षता नरेंद्र शर्मा व संचालन जाहिद खान राहत ने किया।
कार्यक्रम में स्थानीय व बाहर से आए कवि शायरों ने अपनी शायरी सुनाकर महफिल में वाह वाही लूटी।

अब्दुल रज़्ज़ाक़ नाचीज़ ने अपने देश से प्रेम कुछ इस तरह प्रकट किया ।
मेरा जब दम निकल जाए करम इतना करा देना ।
मेरी बेजान मिट्टी को तिरंगे से उढा देना।।
सासनी से आये हनीफ संदली ने फैशन पर कटाक्ष कुछ इस तरह किया।
अजब की रंग बिरंगी दिखाई देती है।
हया के नाम पर तंगी दिखाई देती है।
  पंडित नरेंद्र शर्मा ने कहा,
दुनिया में बुरे काम से शौहरत नहीं मिलती ।
बहके हुए इंसान को इज्जत नहीं मिलती ।।
जाहिद खान राहत ने कहा,
तूने सोचा है कभी ऊंचे मकानो वाले।
तेरे कचरे से निवालों  उठाता है कोई।।
आगरा से पधारे मुकुल कुमार ने कहा।
तमाशा कर रहा है रोज तू बस एक जैसा ही।
सुधर जाए जरा इंसा न रहता साथ पैसा ही।

कार्यक्रम में प० नरेंद्र शर्मा को बेस्ट टीचर अवार्ड देकर व कवियों को फूलमाला पहना कर सम्मानित किया गया।
इन सबके अलावा गाफिल स्वामी, मनोज नागर,चाचा उदयभानी ,प्रदीप चौहान, अलीयावर सुखराज सिंह, आज कवियों ने भी काव्यपाठ किया। इस मौके पर अब्दुल खालिक सैफी, साबिर सैफी,अख्तर आदि लोग मौजूद रहे ।

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