राम मंदिर के भूमि पूजन,अयोध्या आकर पीएम मोदी बना देंगे नया रिकॉर्ड
अयोध्या।
आगामी 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह में सम्मिलित होते ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अयोध्या से जुड़ा अनोखा कीर्तिमान बना लेंगे। वह सर्वाधिक पांचवीं बार अयोध्या आने वाले प्रधानमंत्री बन जाएंगे।
2019 में गोसाईंगंज में जनसभा, 2020 में राम मंदिर के भूमि पूजन, दीपोत्सव-2022 के बाद वह एयरपोर्ट के उद्घाटन के अवसर पर चौथी बार 30 दिसंबर को अयोध्या में होंगे। वह पांच बार अयोध्या आने वाले इकलौते प्रधानमंत्री बन जाएंगे। मोदी रामलला का दर्शन-पूजन करने वाले एकमात्र प्रधानमंत्री भी हैं।
नरेन्द्र मोदी जनवरी, 1992 में तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष डॉ. मुरली मनोहर जोशी के साथ अयोध्या आए थे। उन्होंने 2009 व 2014 के लोकसभा चुनाव में भी अयोध्या में जनसभा की थी। नरेन्द्र मोदी की जनसभा में उमड़ी भीड़ ने ऐसी लकीर खींची, जिसे पार करना किसी भी नेता के लिए चुनौतीपूर्ण है।
नरेन्द्र मोदी से पहले भी चार प्रधानमंत्री यहां आ चुके हैं, लेकिन किसी ने भी रामलला का दर्शन नहीं किया। सांसद लल्लू सिंह कहते हैं कि अयोध्या के प्रति अगाध आदर रखने वाले प्रधानमंत्री ने अपने व्यवहार से भी सिद्ध कर दिया है कि वह राम की सत्ता में विश्वास रखने वाले सच्चे राम भक्त हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी तीन बार रामनगरी आई थीं। वर्ष 1966 में उन्होंने सरयू पुल का उद्घाटन किया था। इसके उपरांत 1975 में नरेंद्रदेव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय का शिलान्यास करने आई थीं। तीसरी बार 1979 में उन्होंने अयोध्या का दौरा किया था।
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी 1984 और 89 में चुनावी सभा को संबोधित करने यहां आए थे। 1990 में सद्भावना यात्रा में उनका यहां आना हुआ था।
भारतरत्न अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री रहते दो बार अयोध्या आए थे। पहली बार उनका आगमन वर्ष 2002 में मंदिर आंदोलन के नायकों में रहे परमहंस रामचंद्र दास के साकेतवास पर अयोध्या आना हुआ था। श्रद्धांजलि देते समय उन्होंने यह भी कहा था कि परमहंस जी का स्वप्न अवश्य पूर्ण होगा।
अटल जी का यह कथन और परमहंस जी का स्वप्न दिव्य भव्य और चिरंजीवी भवन में रामलला की प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा के साथ 22 जनवरी को पूर्ण हो जाएगा।
दूसरी बार वह वर्ष 2004 में सरयू रेलवे ओवरब्रिज का लोकार्पण करने यहां आए थे और हवाई अड्डे पर सभा भी की थी।