बजट से एक दिन पहले वित्त मंत्री पेश करती है Economic Survey

नई दिल्ली। 1 फरवरी 2024 को मोदी सरकार अपना आखिरी बजट पेश करेगी। इस बार केंद्र वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण छठी बार बजट पेश करेगी। इस साल चुनाव होने वाले हैं इस वजह से चुनाव के बाद यूनियन बजट पेश होगा। इसका मतलब है कि इस साल 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश किया जाएगा। क्या आप जानते हैं कि हर साल बजट से एक दिन पहले केंद्र वित्त मंत्री इकोनॉमिक सर्वे पेश करते हैं। चलिए, आज हम आपको इस सर्वे के बारे में बताते हैं। देश का आर्थिक सर्वेक्षण एक जरूरी डॉक्यूमेंट है। इसे हर साल बजट से एक दिन पहले पेश किया जाता है। इसमें पिछले फाइनेंशियल ईयर में देश की अर्थव्यवस्था की समीक्षा की जाती है। इसके अलावा इसमें सरकार के विकास कार्यक्रमों की समरी भी पेश की जाती है। इसमें सरकार की नीतिगत पहलों पर प्रकाश डाला जाता है। आसान शब्दों में समझे तो इसमें देश की अर्थव्यवस्था की संभावनाओं का एक दृष्टिकोण पेश किया जाता है। सबसे पहले इकोनॉमिक सर्वेक्षण वित्तीय वर्ष 1950-51 में पेश किया गया था। इसे बजट के साथ ही पेश किया गया था। वर्ष 1964 के बाद इसे बजट से अलग कर दिया गया और तब से बजट से एक दिन पहले इसे पेश किया जाता है। इकोनॉमिक सर्वे इसलिए जरूरी होता है क्योंकि इसमें सरकार कृषि, सर्विस,उद्योग और बुनियादी ढांचे जैसे बाकी सेक्टर के प्रदर्शन करते हैं। यह इन सेक्टर के आर्थिक विश्लेषण में मदद करता है। इसके अलावा यह आने वाले वित्तीय वर्ष में आर्थिक रणनीति को तैयार करने में भी मदद करता है। इस सर्वे से आर्थिक विकास में आ रही बाधाओं के बारे में पता लगाया जा सकता है। इकोनॉमिक सर्वे वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार द्वारा तैयार किया जाता है। इन्हें पीएम द्वारा नियुक्त किया जाता है। वर्तमान में देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ वी अनंत नागेश्वरन हैं।

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